Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025: भारत के महान योद्धाओं में से एक, वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था। अपको बता दे की वे न केवल एक कुशल योद्धा थे, बल्कि प्रशासनिक क्षमता और जनता के हितों की रक्षा करने वाले दूरदर्शी शासक भी थे। आज उनकी जयंती को पूरे भारत, विशेष रूप से महाराष्ट्र में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2025
अपको बता दे की Shivaji Maharaj छत्रपति शिवाजी जयंती मराठा साम्राज्य के एक महान योद्धा व राजा छत्रपति शिवाजी भोसले के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। शिष्टता और उदारता के प्रतीक शिवाजी ने ही मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी। इसीलिए शिवाजी जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन कई तरह की परेड का भी आयोजन किया जाता हैं।
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शिवाजी महाराज का जीवन परिचय
छत्रपति शिवाजी महाराज(Shivaji Maharaj) का जन्म शिवनेरी किले में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोंसले बीजापुर सल्तनत के सेनापति थे और माता जीजाबाई एक धार्मिक एवं तेजस्वी महिला थीं। अपको बता दे की उनकी माता जीजाबाई ने शिवाजी को बचपन से ही रामायण और महाभारत की कहानियों से प्रेरित किया, जिससे छत्रपति शिवाजी महाराज के अंदर न्याय, पराक्रम और धर्म के प्रति निष्ठा जागृत हुई।
स्वराज्य की स्थापना
छत्रपति शिवाजी महाराज(Shivaji Maharaj) ने बचपन से ही मुगलों और अन्य विदेशी आक्रमणकारियों के अत्याचारों को देखा था। इसीलिए उनके अंदर बचपन से ही मुगलों और विदेशियों का शासन को खत्म करने के लिए प्रण ले लिया था। उन्होंने स्वराज्य की स्थापना का संकल्प लिया और उन्होंने छोटी उम्र में ही तोरणा किला जीतकर स्वतंत्र राज्य की नींव रखी। गुरिल्ला युद्ध नीति और रणनीतिक कौशल के बल पर उन्होंने कई किलों पर विजय प्राप्त की और मराठा साम्राज्य की भी नींव रखी।
शिवाजी जयंती कहां और कैसे मनाई जाती है
वैसे तो उनकी जयंती भारत में हर जगह मनाई जाती हैं पर मुंबई में छत्रपति शिवाजी जयंती बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। लोग इस दिन छत्रपति शिवाजी महाराज(Shivaji Maharaj) की बहादुरी व योगदान को याद करते हैं, और कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करते हैं। शिवाजी जयंती पर मुंबई में अवकाश भी होता है।
शिवाजी जयंती मनाने का इतिहास
Shivaji Maharaj शिवाजी जयंती मनाने की शुरुआत सबसे पहले महात्मा ज्योतिराव फूले ने 1870 में की थी। रायगढ़ में स्थित शिवाजी का एक मकबरा महात्मा फूले द्वारा ही खोजा गया था। अपको बता दे की शिवाजी जयंती का उत्सव सबसे पहले पुणे में मनाया गया था। एक स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने छत्रपति शिवाजी के चरित्र को भारत के लोगों तक पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाई, और सभी जनमानस को उनके जैसा बनने के लिए प्रेरित भी किया।
शिवाजी जयंती का महत्व
शिवाजी महाराज(Shivaji Maharaj) की जयंती हर साल पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। महाराष्ट्र में इस दिन शोभा यात्राएँ भी निकाली जाती हैं, उनके जीवन पर आधारित नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों के तरफ आकर्षित करने के लिए और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
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कब हुई शिवाजी की मृत्यु
वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का निधन 3 अप्रैल 1680 को हुआ था। उनकी मृत्यु रायगढ़ किले में हुई थी।
इतिहासकारों के अनुसार, वीर शिवाजी महाराज को उनके जीवन के अंतिम दिनों में तेज बुखार और दस्त की गंभीर समस्या हुई थी, जिसे हम आज की भाषा में संभवतः टाइफाइड या अन्य किसी संक्रमण से जोड़कर देखते है। लंबे समय तक बीमार रहने के बाद 3 अप्रैल 1680 को उनका स्वर्गवास हो गया।

छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQ)
1. छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: वीर छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले (महाराष्ट्र) में हुआ था।
2. शिवाजी महाराज के माता-पिता कौन थे?
उत्तर: उनके पिता शाहजी भोंसले और माता जीजाबाई थीं।
3. शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना कब की?
उत्तर: उन्होंने 1674 में रायगढ़ किले में छत्रपति के रूप में राज्याभिषेक करवाया और स्वराज्य की स्थापना की।
4. शिवाजी महाराज की प्रमुख युद्ध रणनीति क्या थी?
उत्तर: उनकी प्रमुख युद्ध रणनीति गुरिल्ला युद्ध नीति (छापामार युद्ध) थी, जिसे उन्होंने “गणिमी कावा” के नाम से संबोधित किया।
5. शिवाजी महाराज ने कौन-कौन से महत्वपूर्ण किले जीते?
उत्तर: उन्होंने तोरणा, रायगढ़, प्रतापगढ़, सिंहगढ़, राजगढ़, पुरंदर और कई अन्य किलों पर विजय प्राप्त की।
6. शिवाजी महाराज की मृत्यु कब और कैसे हुई?
उत्तर: उनका निधन 3 अप्रैल 1680 को रायगढ़ किले में हुआ। अधिकांश इतिहासकार मानते हैं कि उनकी मृत्यु बुखार और बीमारी के कारण हुई थी, जबकि कुछ इसे षड्यंत्र का रूप भी मानते हैं।
7. शिवाजी महाराज के बाद मराठा साम्राज्य का नेतृत्व किसने किया?
उत्तर: उनके बड़े पुत्र संभाजी महाराज ने सत्ता संभाली, लेकिन वे मुगलों के खिलाफ संघर्ष में शहीद हो गए।
निष्कर्ष
Chhatrapati Shivaji Maharaj न केवल एक योद्धा थे, बल्कि वे एक आदर्श शासक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व भी थे। उनकी रणनीतियाँ, प्रशासनिक नीतियाँ और देशभक्ति की भावना आज भी हमें प्रेरित करती हैं। शिवाजी जयंती केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उनके विचारों और मूल्यों को आत्मसात करने का एक अवसर हैं।