Pune Bridge Collapse: पुणे के मावल में इंद्रायणी नदी का पुल भारी भीड़ के कारण ढह गया। हादसे में 4 की मौत, 50 बचाए गए, 7 ICU में भर्ती। राहत कार्य अभी भी जारी है।
महाराष्ट्र के पुणे जिले के मावल तहसील में रविवार दोपहर बड़ा हादसा हुआ। इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पैदल पुल अचानक ढह गया। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई और 18 लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त करीब 100 लोग पुल पर मौजूद थे।
भारी भीड़ बनी हादसे की वजह
Pune Indrayani River Tragedy यह इंद्रायणी पुल पैदल यात्रियों के लिए था, लेकिन भारी भीड़ और लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। पर्यटकों ने चेतावनी बोर्ड को नजरअंदाज किया और पुल पर ज्यादा लोग चढ़ गए। मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि ज्यादा वजन के कारण पुल की संरचना टूट गई और वह ढह गया।
एनडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
घटना की जानकारी मिलते ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया। पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन की मदद से अब तक 50 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है।
इलाज के दौरान दो की मौत
इंद्रायणी पुल के मलबे में दबे कुछ लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान दो और लोगों की जान चली गई। पुणे कलेक्टर जितेंद्र डूडी ने बताया कि सात मरीज आईसीयू में हैं, जिनमें एक की हालत नाजुक है लेकिन स्थिर है। बाकी मरीज खतरे से बाहर हैं।
Pune Bridge Collapse: हादसे के पीछे लापरवाही
यह इंद्रायणी पुल केवल पैदल चलने वालों के लिए था, लेकिन लोगों ने इस पर बाइक और भीड़ जमा कर दी। चेतावनी बोर्ड लगे होने के बावजूद निर्देशों का पालन नहीं किया गया। यह मानसून सीजन है और नदी का बहाव तेज है, ऐसे में और सतर्कता की जरूरत थी।
सरकार देगी मुआवजा
राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि जांच की जाएगी कि वहां सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं थी और पुलिस की मौजूदगी क्यों नहीं थी, जब इतनी भीड़ वहां मौजूद थी।
विपक्ष ने मांगी जवाबदेही
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस घटना पर दुख जताया और कहा कि सरकार को इस हादसे की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह एक टाली जा सकने वाली त्रासदी थी और इसमें हुई हर मौत लापरवाही की एक बड़ी कीमत है।
मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का बयान
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है और युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से फोन पर बात की और राहत कार्यों की समीक्षा की। सभी एजेंसियां राहत कार्यों में जुटी हैं।
फिर से चेतावनी: लापरवाही न करें
सरकार ने लोगों से अपील की है कि मानसून के दौरान नदी और पुल जैसे जोखिम भरे स्थानों से बचें। चेतावनियों का पालन करें और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सतर्क रहें। ऐसी घटनाएं हमारे जीवन की कीमत होती हैं जिन्हें थोड़ी सी सतर्कता से रोका जा सकता है।
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