Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसीलिए इस दिन को पंचमी भी कहते हैं। इस दिन घरों, मंदिरों और शिक्षा से जुड़े संस्थानों में मां सरस्वती की पूजा करने के लिए विशेष रूप से आयोजन किया जाता है।
Basant Panchami 2025
आपको बता दे की माघ माह में सकट चौथ, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या, गुप्त नवरात्रि और वसंत पंचमी जैसे कई पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। इनमें वसंत पंचमी का त्योहार खासतौर पर ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए समर्पित हैं। इस दिन लोग सरस्वती जी की पूजा-अर्चना कर मां से ज्ञान प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं। आपको बता दे की बसंत पंचमी को वसंत पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता हैं। तो आइए अब हम जानते हैं वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा क्यों की जाती है और इस दिन का क्या महत्व हैं।
क्यों मनाया जाता है वसंत पंचमी का पर्व?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आपको बता दे की यह माना जाता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती जी का जन्म हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर वर्ष वसंत पंचमी मनाई जाती है। देवी मां सरस्वती जी को विद्या, कला और बुद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। इस दिन की पूजा-अर्चना से ज्ञान, कला और संगीत का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
इसके साथ ही यह पर्व नई फसल और प्रकृति के बदलाव का उत्सव भी है। इस मौसम में सरसों के पीले फूल, आम के पेड़ों पर नई बौर, और गुलाबी ठंड पूरे वातावरण को आनंदमय बना देती है। यह समय न केवल मनुष्य बल्कि पशु-पक्षियों में भी एक नई ऊर्जा का संचार करता है।
2025 में वसंत पंचमी कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में वसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन पंचमी तिथि का आरंभ सुबह 9:14 पर होगा और यह 3 फरवरी को सुबह 6:52 पर समाप्त होगी। आपको बता दे की पूजा का सबसे शुभ समय 2 फरवरी को सुबह 7:09 से दोपहर 12:35 तक रहेगा।
बसंत पंचमी पर मां सरस्वती जी को लगाएं ये भोग
आप मां सरस्वती जी के लिए बेसन लड्डू, केसर रबड़ी, पीले चावल, बूंदी या बूंदी के लड्डू भोग में लगा सकते हैं। ये सारी चीजें देवी मां सरस्वती जी को बहुत प्रिय है।
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इस तरह करें मां सरस्वती जी की विधिवत पूजा (Saraswati Puja 2025)
माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन घर के सभी सदस्यों को सुबह उठकर घर की साफ सफाई करके, स्नान आदि करके पीले वस्त्र पहनने चाहिए। इसके बाद चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती जी की फोटो या मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए। इसके पश्चात आप हाथ में गंगाजल लेकर मां की पूजा का संकल्प लें। अब मां को पीले फूल अर्पित करें। मां को चंदन लगाएं और धूप दीप करें। इसके बाद आप मां को नैवेद्य (फल-फूल) अर्पित करें। नैवेद्य में आप पीले फल, पीली मिठाई और पीले व्यंजन चढ़ा सकते हैं।
इस दिन कई लोग मां सरस्वती जी को लड्डू और पीले चावल का भोग लगाते हैं। भोग लगाने के बाद मां की आरती करें। इसके बाद मां सरस्वती जी का गायत्री मंत्र का जाप करें। आप बच्चों को नई लेखनी से नए कागज पर अक्षर लिखना सिखाएं। इसके बाद आप उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें।
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Basant Panchami 2025: वसंत पंचमी मनाने की विधि
- आप इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- मां सरस्वती जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें।
- मां सरस्वती जी को लड्डू, मीठे, पीले चावल और मौसमी फलों का भोग लगाएं।
- देवी मां की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
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