हर साल ओडिशा के पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा होती है। यह यात्रा भक्ति और उत्साह का प्रतीक है।
जगन्नाथ रथ यात्रा का इतिहास कई सदियों पुराना है। इसे हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है।
भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु का अवतार माने जाते हैं। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में वे अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं।
जगन्नाथ रथ यात्रा हर वर्ष आशाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होती है। यह लगभग 9 दिनों तक चलती है।
तीन मुख्य रथ होते हैं जगन्नाथ का नंदीग्राम सुभद्रा का राजरथ बलभद्र का डोलरथ
यह यात्रा भगवान की भक्तों के बीच निकटता और प्रेम का प्रतीक है। हजारों श्रद्धालु इस रथ को खींचते हैं।
रथ यात्रा के दौरान मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं।
पुरी पहुंचकर श्रद्धालु इस उत्सव का आनंद ले सकते हैं। यात्रा के मार्ग पर रथ को देखकर भक्तगण आशीर्वाद लेते हैं।
इस त्योहार के लिए महीने पहले से ही रथों की सफाई, सजावट और निर्माण शुरू हो जाता है।
यह यात्रा न केवल धार्मिक है, बल्कि यह लोगों को एकता और समर्पण का संदेश देती है।