Republic Day 2025: यह गणतंत्र दिवस 2025 के लिए एक भावुक और प्रभावशाली भाषण है, जो मुख्य रूप से शायरी और देशभक्ति के जज़्बे पर आधारित है। यह भाषण उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने हमारे देश को आज़ादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। साथ ही, यह हमारे संविधान की महानता और उससे जुड़े कर्तव्यों को समझने की प्रेरणा देता है।
Republic Day 2025: आपको बता दे की भाषण में शायरी का उपयोग इसे अधिक आकर्षक और भावनात्मक बनाता है, ताकि श्रोताओं के दिलों को छुआ जा सके। इसमें मुख्य रूप से:
- संविधान के महत्व और उसकी भूमिका को बताया गया है।
- देश के प्रति कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझने की बात की गई है।
- वीर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया गया है।
- देश की एकता, स्वच्छता, और विकास के प्रति लोगों को प्रेरित करने की कोशिश की गई है।
आपको बता दे की शायरी और भावनात्मक अपील इसे ऐसा रूप देती है, जो न केवल गणतंत्र दिवस के महत्व को उजागर करता है, बल्कि श्रोताओं को अपने देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी का एहसास भी कराता है।
यह भाषण आपके स्कूल, कॉलेज या किसी भी गणतंत्र दिवस समारोह में प्रस्तुत करने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है और श्रोताओं को अंत तक बांधे रखेगा।
Republic Day 2025
Republic Day 2025: बिना शायरी वाली भाषण
सम्माननीय प्रधानाचार्य जी, आदरणीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे सहपाठियों,
आप सभी को मेरा नमस्कार।
(अब आप यहाँ पर अपना परिचय दे। जैसे- मेरा नाम पवन है और मैं इतनी कक्ष में पढ़ता हूँ।)
आज हम सभी यहाँ एक बहुत ही विशेष दिन, गणतंत्र दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ और भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतांत्रिक गणराज्य बना।
यह दिन हमें हमारे संविधान के निर्माताओं, विशेष रूप से डॉ. भीमराव अंबेडकर और उनकी टीम, के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर देता है। उन्होंने एक ऐसा संविधान बनाया जो विविधताओं से भरे हमारे देश को एकता के सूत्र में बांधता है।
गणतंत्र दिवस केवल एक सरकारी छुट्टी नहीं है, बल्कि यह दिन हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं।
आज भारत विज्ञान, तकनीकी, खेल, और अन्य क्षेत्रों में तेजी से प्रगति कर रहा है। लेकिन साथ ही, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश में शिक्षा, स्वच्छता, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर काम करें।
हमारे वीर जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान हमें प्रेरणा देता है। आज हमें यह प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि हम उनके सपनों का भारत बनाएंगे – एक ऐसा भारत जो हर नागरिक के लिए समान अवसर और सम्मान सुनिश्चित करे।
आइए, हम सब मिलकर इस गणतंत्र दिवस पर यह संकल्प लें कि हम अपने संविधान के आदर्शों का पालन करेंगे और अपने देश की प्रगति में योगदान देंगे।
“सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः।”
इस कामना के साथ, मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ।
जय हिंद! वंदे मातरम्!
Republic Day 2025: शायरी के साथ भाषण
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, सम्माननीय शिक्षकगण, और मेरे प्यारे साथियों,
सुप्रभात।
(अब आप यहाँ पर अपना परिचय दे। जैसे- मेरा नाम पवन है और मैं इतनी कक्ष में पढ़ता हूँ।)
आज का दिन केवल एक तारीख नहीं है, यह हमारी आज़ादी की आत्मा का उत्सव है। 26 जनवरी, वह दिन जब हमारे देश ने अपना संविधान अपनाया और भारत एक गणराज्य बना। इस पवित्र दिन को मनाने के लिए हम सब यहां एकत्र हुए हैं।
शुरुआत में, मैं कुछ पंक्तियों के साथ अपनी भावनाएं व्यक्त करना चाहूंगा:
“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।
देशभक्ति के तरानों से गूंजेगा ये आसमां,
गणतंत्र दिवस पर हर दिल में हिंदुस्तां होगा।”
दोस्तों, हमारा गणतंत्र दिवस हमें याद दिलाता है कि आज जो आज़ादी हम जी रहे हैं, वो हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और वीर जवानों के बलिदान की देन है। इस दिन 1950 में हमारा संविधान लागू हुआ, जिसने हमें लोकतंत्र, स्वतंत्रता, और समानता का अधिकार दिया।
लेकिन आज हमें सिर्फ अधिकारों की बात नहीं करनी चाहिए, बल्कि अपने कर्तव्यों को भी याद रखना चाहिए।
आज हमसे हमारा भारत ये सवाल करता है:
- क्या हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रख रहे हैं?
- क्या हम देश की स्वच्छता और विकास में योगदान दे रहे हैं?
- क्या हम अपनी शिक्षा और कौशल से देश को आगे बढ़ा रहे हैं?
दोस्तों, हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारा संविधान केवल एक किताब नहीं, यह हमारे देश का मूल आधार है।
“न पूछो ज़माने से कि क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये हिंदुस्तानी है।
न झुकेंगे कभी सिर, न मिटने देंगे इसकी शान,
दिल से बड़ा न कोई धर्म, और भारत से बड़ी न कोई जान।”
आज का दिन हमें प्रेरणा देता है कि हम अपनी एकता, सामाजिक सद्भाव, और संकल्प को मजबूत करें। हमारा देश आज विज्ञान, शिक्षा, और तकनीक के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हमें इसे और भी बेहतर बनाना है।
आइए, इस गणतंत्र दिवस पर हम ये प्रतिज्ञा लें:
- हम अपने संविधान का सम्मान करेंगे।
- हम अपने देश की रक्षा करेंगे।
- हम भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाएंगे।
- अंत में, मैं अपनी बात इन पंक्तियों के साथ समाप्त करना चाहूंगा:
“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ुए-कातिल में है।
जय हिंद! वंदे मातरम्!”
Republic Day 2025