ट्रेंडिंग

Pradosh Vrat 2025: जून-जुलाई में दो महायोग! शिवभक्ति से बदल जाएगा भाग्य!, यहां जाने पूजा विधि और महत्व

By Pawan Kushwaha

Published On:

Pradosh Vrat 2025: आषाढ़ में दो प्रदोष व्रत – 23 जून और 08 जुलाई को। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और भगवान शिव की कृपा पाने का सही तरीका इस लेख में।

pradosh-vrat-2025-lord-shiva-puja-mahayog
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Instagram Join Now

सनातन धर्म में आषाढ़ माह का बड़ा धार्मिक महत्व होता है। इसी महीने देवशयनी एकादशी मनाई जाती है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। चार महीने तक भगवान विश्राम करते हैं और इस दौरान शिव की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है। इसी वजह से आषाढ़ महीने के प्रदोष व्रत और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं।

प्रदोष व्रत का क्या है महत्व?

प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक विशेष पर्व है। यह व्रत हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन उपवास रखकर संध्या काल में शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस व्रत से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में शांति आती है।

Pradosh Vrat 2025: पहली तिथि – 23 जून

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 23 जून 2025 को रात 01:21 बजे से शुरू होगी और उसी दिन रात 10:09 बजे समाप्त हो जाएगी। इस कारण, 23 जून को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह दिन सोमवार का है, जिससे इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा, जो और भी शुभ माना जाता है।

23 जून को शिव पूजा का शुभ मुहूर्त

23 जून को भगवान शिव की पूजा का उत्तम समय शाम 07:22 बजे से रात 09:23 बजे तक रहेगा। इस दौरान भक्तों को विधिवत शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र, धूप, दीप और फल अर्पित करना चाहिए। ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए पूजा करें। यह समय बहुत शक्तिशाली माना जाता है।

ashadh-pradosh-vrat-2025-shiv-bhakti

Pradosh Vrat 2025: दूसरी तिथि – 08 जुलाई

आषाढ़ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 07 जुलाई को रात 11:10 बजे से शुरू होकर 09 जुलाई को रात 12:38 बजे समाप्त होगी। इसलिए यह व्रत 08 जुलाई को रखा जाएगा। यह दिन मंगलवार का होगा, इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। यह व्रत स्वास्थ्य लाभ और कर्ज मुक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है।

08 जुलाई को शिव पूजा का शुभ मुहूर्त

08 जुलाई को भी पूजा का शुभ समय शाम 07:22 बजे से रात 09:23 बजे तक रहेगा। इस दौरान शिवजी की पूजा करते हुए ताम्र या कांसे के पात्र में जल भरकर शिवलिंग का अभिषेक करें। साथ ही “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें। इस दिन की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

lord shiv ki puja by little boy

व्रत करने की विधि और नियम

प्रदोष व्रत के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें। पूरे दिन फलाहार करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। संध्या काल में शिवजी का पूजन करें। धूप, दीप, चंदन, अक्षत, बेलपत्र और सफेद फूल अर्पित करें। रात में कथा सुनें और आरती करें। व्रत के अगले दिन अन्न-जल ग्रहण करें।

प्रदोष व्रत से क्या-क्या लाभ होते हैं?

मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से रोग, शोक और कष्ट दूर होते हैं। यह व्रत जीवन में स्थिरता, सुख, शांति और सफलता प्रदान करता है। जो जातक शिवभक्ति के साथ यह व्रत करता है, उसके सारे पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। विवाहित जीवन में भी शांति बनी रहती है।

विशेष बात: सोम और भौम प्रदोष का महत्व

अगर प्रदोष व्रत सोमवार या मंगलवार को पड़ता है तो उसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। सोम प्रदोष से स्वास्थ्य और लंबी आयु का वरदान मिलता है, वहीं भौम प्रदोष से कर्ज और विवाद से मुक्ति मिलती है। आषाढ़ में दोनों ही प्रकार के प्रदोष व्रत आ रहे हैं, जो दुर्लभ योग है।

निष्कर्ष

आषाढ़ माह में प्रदोष व्रत 23 जून और 08 जुलाई को मनाया जाएगा। दोनों ही दिन खास हैं – एक सोम प्रदोष और दूसरा भौम प्रदोष। शिवभक्त इन दिनों पूरे श्रद्धा और नियम से व्रत रखें, ताकि उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त हो और जीवन के कष्ट दूर हों। शुभ मुहूर्त में पूजा अवश्य करें।

अस्वीकरण:
यह लेख धार्मिक मान्यताओं, पंचांग और ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है। किसी भी उपाय या व्रत को अपनाने से पहले अपने गुरु, पंडित या आचार्य से परामर्श अवश्य लें। यह लेख अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता, बल्कि केवल सामान्य जानकारी साझा करता है।

⟪यह भी पढ़े⟫

जुड़े रहिए NEWSGERY.COM के साथ, ऐसे ही तकनीकी, ऑटोमोबाइल, ट्रेंडिंग और अंतरराष्ट्रीय मामलों की हर ताज़ा खबरों के लिए।

Pawan Kushwaha

नमस्कार,मैं पवन कुशवाहा-अपना ब्लॉगिंग करियर की शुरुआत दिसंबर 2023 में की और आज NewsGery.com पर मेरा काम शिक्षा, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी से संबंधित जानकारी को आपके साथ साझा करना।

Leave a Comment