Karwa Chauth 2024: हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को सभी महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं। इसमें चंद्र पूजा के बाद ही व्रत पूरा होता है। आइये जानते हैं कि इस साल करवा चौथ यानि 2024 कब में है और इस दिन चंद्र दर्शन यानी चंद्रोदय कब होगा। साथ ही जानते हैं करवा चौथ की पूजा विधि …
Karwa Chauth 2024
Karwa Chauth 2024: आपको बता दे की करवा चौथ का व्रत मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश, दिल्ली में रखा जाता है। इस दिन को संकष्टी चतुर्थी व्रत भी रखा जाता है। इसे हम कर्क चतुर्थी के नाम से भी जानते है। इस व्रत में सभी विवाहित महिलाएं अपनी पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं और भगवान शिव, माता पार्वती और कार्तिकेय के साथ-साथ भगवान गणेश की भी पूजा करती हैं।
Karwa Chauth 2024: आपको बता दे की आजकल कुछ युवतियां भी भावी पति के लिए यह व्रत रखती हैं, हालांकि उनके व्रत का नियम थोड़ा अलग है। इसके अलावा आपको बता दे की कुछ पति भी करवा चौथ का व्रत रखते हैं। अब आपको बता दे की इस व्रत में सबसे पहले देवी पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय, गणेश जी और चौथ माता (देवी पार्वती का रूप) की पूजा की जाती है।
इसी के साथ करवा चौथ की कथा भी सुनी जाती है। फिर बाद में चन्द्रमा के दर्शन और करवा (मिट्टी के पात्र से) उनको अर्घ्य के बाद ही इस व्रत को तोड़ा जाता है। करवा चौथ का यह व्रत काफी कठोर व्रत माना जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्र दर्शन तक सभी महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं। और पूजा के बाद इसे ब्राह्मण या किसी योग्य महिला को दान में दे दिया जाता है।
Karwa Chauth 2024: कब है करवा चौथ
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि प्रारंभः रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06:46 बजे से
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि समापनः सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04:16 बजे तक
करवा चौथ व्रतः रविवार, 20 अक्टूबर 2024
करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 05:46 बजे से शाम 07:02 बजे तक
अवधिः 01 घण्टा 16 मिनटकरवा चौथ व्रत समयः सुबह 06:25 बजे से शाम 07:54 बजे तक
अवधिः 13 घण्टे 29 मिनट
करवा चौथ के दिन चंद्रोदयः शाम 07:54 बजे तक
Karwa Chauth 2024: करवा चौथ पूजा विधि
- करवा चौथ के व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ-सुधरे कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
- फिर इसके बाद साफ हाथों से घर की दीवारों पर गेरु से करवा का चित्र बनाएं। आप सोलह श्रृंगार कर पूजा स्थल पर माता पार्वती, भगवान शिव, गणेशजी, कार्तिकेय की तस्वीर को रखें।
- अब आप एक करवा में जल भरकर पूजा के स्थान पर रखें।
- अब इसके बाद आप सूर्य को अर्घ्य दें और चौथ माता की कहानी सुनें। कथा पूर्ण होने के बाद बड़े लोगों के पैर छूकर आशीर्वाद अवश्य लें।
- अब आप शाम को लिए पूजा के लिए थाली तैयार कर लें, फिर एक चौकी पर करवा माता की तस्वीर रखें, उसके बाद दीया जलाएं।
- इसके बाद आप गौरा पार्वती, चौथ माता और पूरे शिव परिवार की पूजा करें। करवा चौथ की कथा सुनें और पति की दीर्घायु के लिए मन ही मन प्रार्थना करते रहे।
- अब जैसे ही चांद निकले तो तुरंत चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी की सतह पर जलता हुआ दीया रखकर चंद्र दर्शन करें, फिर उसी छलनी से अपने पति का मुंह देखें।
- अब इसी तरह से चंद्रमा को देख कर अपनी पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें, फिर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को खोलें। और घर के सभी बड़ों का आशीर्वाद लेकर करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें, और उनके पैर छू कर उनका भी आशीर्वाद ले।