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Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत के दिन इन चीजों का रखे ध्यान, जाने शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

By Pawan Kushwaha

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Jitiya Vrat 2024: हिंदू धर्म में जितिया व्रत को विशेष महत्व दिया जाता है। इस व्रत को जिउतिया और जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दे की ये व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं। तो आज की इस लेख में हम जानेंगे की जीतिया व्रत कब हैं और क्या हैं इसकी शुभ मुहूर्त।

Jitiya Vrat 2024
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Jitiya Vrat 2024 Date and Time (जीतिया व्रत कब हैं)

जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत (जीतिया व्रत) के दिन सभी माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और खुशहाल जीवन की कामना से रखती हैं। पंचांग अनुसार जितिया व्रत प्रत्येक वर्ष आश्विन कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत में सभी महिलाएं 24 घंटे तक अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं करती हैं। ये व्रत सबसे कठिन व्रतों की श्रेणी में आता है। यहां आप जानेंगे 2024 में जितिया व्रत कब रखा जाएगा।

जीवित्पुत्रिका या जिउतिया व्रत (जीतिया व्रत) कब हैं: हिन्दू धर्म के पंचांग के अनुसार 2024 में जीवित्पुत्रिका यानि जिउतिया व्रत 25 सितंबर को रखा जाएगा। अष्टमी तिथि का प्रारंभ 24 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 25 सितंबर 2024 की दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगी।

Jitiya Vrat 2024 Ki Vrat Katha जीवित्पुत्रिका/जितिया व्रत का महत्व

जीवित्पुत्रिका या जितिया का व्रत संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना से रखा जाता है। मान्यताओं अनुसार जो महिला इस व्रत की कथा सुनती है उसे संतान के वियोग का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही उसके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है।

जीवित्पुत्रिका/जितिया व्रत की पूजा सामग्री

तो आइए अब देखते हैं की जीतिया व्रत को करने के लिए क्या क्या पूजन सामग्री लगेगी। कुश की जीमूत वाहन की मूर्ति, मिट्‌टी से बनी चील और सियार की मूर्ति, अक्षत, फल, गुड़, धूप, दिया, घी, श्रृंगार सामग्री, दुर्वा, इलायची, पान, सरसो का तेल, बांस के पत्ते, लौंग और गाय का गोबर। ये सभी सामग्री की जरूरत पढ़ेगी।

जीतिया व्रत का पूजन सामग्री


Jitiya Vrat Ki Katha जीवित्पुत्रिका/जितिया व्रत की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, किसी गांव में पश्चिम की ओर एक बरगद का पेड़ था। पेड़ पर एक चील रहती थी और पेड़ के नीचे एक मादा सियार रहती थी। दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। दोनों ने कुछ महिलाओं को जीवित्पुत्रिका व्रत करते देख तय किया कि वे भी यह व्रत रखेंगी। दोनों ने व्रत रखा, उसी दिन गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई। उस आदमी का दाह संस्कार बरगद के पेड़ के पास कर दिया गया। उस रात बारिश होने लगी और मादा सियार शव खाने के लिए ललचाने लगी। इस तरह मादा सियार का व्रत भंग हो गया जबकि चील ने अपना व्रत नहीं तोड़ा।

अगले जन्म में चील और मादा सियार दोनों एक ब्राह्मण के घर पर दो बेटियों के रूप में जन्म लिया। समय आने पर दोनों बहनों शीलवती और कपुरावती का विवाह हो गया। शीलवती, जो पिछले जन्म में चील थी, उसको 7 पुत्र हुए और कपुरावती, जो पिछले जन्म में सियार थी उसके सभी पुत्र जन्म के बाद मर गए। कपुरावती को शीलवती के बच्चों से जलन होने लगी और उसने शीलवती के सभी बेटों के सिर काट दिए। लेकिन, जीवितवाहन देवता ने बच्चों को फिर से जिंदा कर दिया।

अगले दिन बच्चों को जीवित देख कपुरावती बेहोश हो गई। इसके बाद शीलवती ने उसे याद दिलाया कि पिछले जन्म में उसने व्रत भंग कर दिया था जिसके कारण उसके पुत्रों की मृत्यु हो जाती है। इस बात को सुनकर शोक ग्रस्त कपुरावती की मौत हो गई।

Jitiya Vrat 2024 Mantra जितिया व्रत मंत्र

  1. वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम् ।
    देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ।।
  2. कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
    सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
  3. सर्व मंगल मांग्लयै शिवे सर्वार्थ साधिके |
    शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

Jitiya Vrat 2024 जितिया व्रत पूजन के शुभ मुहूर्त

लाभ – उन्नति: सुबह 6 बज के 10 मिनट से 7 बज के 41 मिनट तक रहेगा

अमृत – सर्वोत्तम: सुबह 7 बज के 41 मिनट से 9 बज के 11 मिनट तक रहेगा

शुभ – उत्तम: सुबह 10 बज के 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बज के 12 मिनट तक रहेगा

लाभ – उन्नति: शाम 4 बज के 43 मिनट से लेकर 6 बज के 13 मिनट तक रहेगा

Jitiya Vrat 2024 जितिया व्रत पूजा- विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. स्नान आदि करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं।
  3. धूप, दीप आदि से आरती करें और इसके बाद भोग लगाएं।
  4. मिट्टी और गाय के गोबर से छील व सियारिन की मूर्ति बनाएं।
  5. कुश से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप-दीप, चावल, पुष्प आदि अर्पित करें।
  6. विधि-विधान से पूजा करें और व्रत की कथा अवश्य सुनें।
  7. व्रत पारण के बाद दान जरूर करें।

Jitiya Vrat 2024 जितिया व्रत पर करें ये दान

मान्यतावों के अनुसार जितिया व्रत के दिन चावल, फलों, गौ, खिलौने, काले तिल, जौ आदि का दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है। इस दान से दोगुना पुण्य और फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर आप जितिया व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इस दिन कुछ न कुछ अवश्य दान करना चाहिए। साथ ही तामसिक चीजों से दूर रहना चाहिए।

Disclaimer (अस्वीकरण): इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। न्यूजरी (NewsGery) यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। न्यूजरी (NewsGery) अंधविश्वास के खिलाफ है।

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Pawan Kushwaha

नमस्कार,मैं पवन कुशवाहा-अपना ब्लॉगिंग करियर की शुरुआत दिसंबर 2023 में की और आज NewsGery.com पर मेरा काम शिक्षा, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी से संबंधित जानकारी को आपके साथ साझा करना।

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