Chandi Ki Payal Ki Pehchan Kaise Karen 2024 चांदी की पायल का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है। इसे शुद्धता, शीतलता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। चांदी की पायल पहनना एक आम परंपरा है, खासकर महिलाओं के बीच। लेकिन, जब चांदी की पायल खरीदने की बात आती है, तो असली और नकली चांदी की पहचान करना महत्वपूर्ण हो जाता है। आजकल बाजार में नकली चांदी के सामान अधिकता से मिलते हैं, जो दिखने में असली चांदी जैसे लग सकते हैं, लेकिन उनके गुण और मूल्य असली चांदी से अलग होते हैं। इसलिए, चांदी की पायल खरीदते समय उसकी पहचान करना अति आवश्यक हो जाता है।
चांदी की पायल की पहचान करने के कई तरीके हैं, जो आपको असली और नकली चांदी के बीच फर्क करने में मदद कर सकते हैं। इन तरीकों का सही उपयोग करके आप ठगी से बच सकते हैं और अपनी मेहनत की कमाई का सही मूल्य पा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं चांदी की पायल की पहचान कैसे करें।
शॉर्ट मे जानने के लिए ⇓⇓⇓
हॉलमार्क स्टैम्प: असली चांदी की पायल पर हॉलमार्क स्टैम्प (जैसे “925” या “Sterling”) होता है, जो उसकी शुद्धता को दर्शाता है। “925” का मतलब है कि उस पायल में 92.5% चांदी है।
चुंबक परीक्षण: चांदी एक गैर-चुंबकीय धातु होती है। अगर पायल चुंबक से चिपकती है, तो यह संभवतः असली चांदी नहीं है। ध्वनि परीक्षण: असली चांदी की पायल को अगर किसी ठोस सतह पर हल्के से टकराया जाए, तो इसमें से एक स्पष्ट, मधुर ध्वनि निकलती है। रंग और चमक: चांदी की पायल का रंग सामान्यतः सफेद और चमकदार होता है। नकली पायल की चमक अधिक तीव्र या रंग हल्का हो सकता है। नाइट्रिक एसिड परीक्षण: यह परीक्षण सावधानीपूर्वक करना चाहिए। चांदी पर नाइट्रिक एसिड की एक बूंद डालें। यदि वह असली चांदी है, तो इसका रंग हल्का हरा होगा। नकली धातु (चांदी) पर यह क्रिया नहीं होती। वजन: चांदी की पायल अन्य धातुओं की तुलना में भारी होती है। वजन की तुलना से भी असली और नकली पायल की पहचान की जा सकती है। |
पायल की बनावट की जांच
चांदी की पायल की बनावट उसकी असली या नकली होने का संकेत देती है। असली चांदी की पायल की सतह पर बारीक खरोंचें या धब्बे देखने को मिल सकते हैं, जो उसके प्राकृतिक (असली) होने का प्रमाण होते हैं नकली पायल की सतह आमतौर पर एकदम चिकनी और साफ होती है, क्योंकि उसे कृत्रिम (शिल्पनिर्मित) तरीके से बनाया गया होता है। इसके अलावा, असली चांदी की पायल को मोड़ने या खींचने पर उसमें मामूली लचीलापन होता है, जबकि नकली पायल या मिश्र धातु की पायल में यह गुण नहीं होता।
पॉलिश की जांच
असली चांदी की पायल पर पॉलिश की परत आमतौर पर एक समान होती है और इसमें किसी भी प्रकार की असमानता या धब्बे नहीं होते जबकि नकली चांदी की पायल पर पॉलिश की परत मोटी या पतली हो सकती है, और उसकी सतह पर रुखरपन या खरोंच दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा, असली चांदी की पायल पर पॉलिश की चमक अधिक समय तक बरकरार रहती है, जबकि नकली पायल की चमक जल्द ही फीकी पड़ सकती है।
तापमान परीक्षण
चांदी एक उत्कृष्ट तापीय चालक होती है, यानी यह जल्दी से गर्म और ठंडी हो जाती है। तापमान परीक्षण के लिए, आप चांदी की पायल को कुछ समय के लिए अपने हाथ में रखें। अगर यह पायल असली चांदी की बनी है, तो यह जल्दी से आपके शरीर के तापमान के अनुकूल हो जाएगी। नकली चांदी या मिश्र धातु की पायल में यह गुण नहीं होता, और यह सामान्य तापमान पर ठंडी या गर्म बनी रहती है।
हॉलमार्क स्टैम्प की जांच
चांदी के पायल की पहचान का सबसे विश्वसनीय तरीका है, उसकी हॉलमार्क स्टैम्प की जांच करना। भारत में, असली चांदी के गहनों पर “BIS हॉलमार्क” होता है, जो उसकी शुद्धता और गुणवत्ता की पुष्टि करता है। यह हॉलमार्क सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होता है और इसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा जारी किया जाता है। हॉलमार्क पर “925” का अंक भी देखा जा सकता है, जो दर्शाता है कि गहना 92.5% शुद्ध चांदी का बना हुआ है। अगर आपके पायल पर यह हॉलमार्क नहीं है, तो संभव है कि वह नकली होगी या उसकी चांदी की शुद्धता कम होगी।
चुंबक परीक्षण
चांदी एक गैर-चुंबकीय धातु होती है, यानी यह चुंबक की ओर आकर्षित नहीं होती। इस परीक्षण के लिए, आप एक सामान्य चुंबक का उपयोग कर सकते हैं। अगर पायल चुंबक से चिपकती है, तो यह असली चांदी नहीं है, बल्कि संभवतः इसमें कोई अन्य धातु मिलाई गई है हालांकि, ध्यान दें कि कुछ नकली चांदी की पायलें भी चुंबक से प्रतिक्रिया (आकर्षित) नहीं करती हैं, इसलिए इस परीक्षण के साथ अन्य परीक्षणों का भी सहारा लें इसे करने के लिए चांदी के एक मामूली हिस्से को चुने जहा आपको ज्यादा सक हो।
ध्वनि परीक्षण
ध्वनि परीक्षण एक पारंपरिक तरीका है, जिसका उपयोग चांदी की पहचान के लिए किया जाता है। असली चांदी की पायल को अगर किसी ठोस सतह पर हल्के से टकराया जाए, तो उसमें से एक स्पष्ट, मधुर ध्वनि निकलती है। यह ध्वनि लंबी और सुरीली हो सकती है, जबकि नकली चांदी या मिश्र धातु की पायल की ध्वनि तीव्र और कम समय तक टिकने वाली होती है। इस परीक्षण के लिए, आप पायल को अपने कान के पास लाकर सुन सकते हैं, या इसे किसी कांच या धातु की सतह पर हल्के से टकरा सकते हैं।
रंग और चमक की जांच
असली चांदी का रंग हल्का सफेद होता है, और इसमें प्राकृतिक चमक होती है। हालांकि समय के साथ यह काला पड़ सकता है, लेकिन उसकी चमक और सफेदी बरकरार रहती है। नकली चांदी की पायल का रंग अधिक सफेद या मटमैला हो सकता है, और उसकी चमक असली चांदी की तरह स्वाभाविक नहीं होती। इसके अलावा, असली चांदी की पायल की सतह पर हल्की खरोंचें या धब्बे दिखाई दे सकते हैं, जबकि नकली चांदी की पायल आमतौर पर एकदम साफ और चिकनी होती है।
नाइट्रिक एसिड परीक्षण
नाइट्रिक एसिड परीक्षण भी चांदी की पहचान के लिए उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि नाइट्रिक एसिड एक खतरनाक रसायन होता है। इस परीक्षण के लिए, चांदी की पायल के एक छोटे से हिस्से पर नाइट्रिक एसिड की एक बूंद डालें अगर पायल असली चांदी की बनी है, तो एसिड के संपर्क में आने पर उसका रंग हल्का हरा या सफेद हो जाएगा। नकली चांदी पर यह क्रिया नहीं होगी, और एसिड उसके रंग में कोई बदलाव नहीं कर पाएगा।
वजन की तुलना
चांदी की पायल अन्य धातुओं की तुलना में भारी होती है। इसलिए, आप पायल के वजन की तुलना करके भी उसकी पहचान कर सकते हैं। यदि पायल हल्की है, तो इसमें मिलावट होने की संभावना है। असली चांदी की पायल का वजन उसकी आकार और मोटाई के अनुसार अपेक्षाकृत अधिक होना चाहिए। इस परीक्षण के लिए आप घर में उपलब्ध सामान्य वजन मापक यंत्र का उपयोग कर सकते हैं, या फिर किसी जौहरी की मदद ले सकते हैं।
पेशेवर जौहरी की मदद
यदि आप उपरोक्त तरीकों से भी चांदी के पायल की पहचान नहीं कर पा रहे हैं, तो सबसे सुरक्षित तरीका है किसी प्रमाणित या जानकार जौहरी से इसकी जांच कराना। जौहरी के पास विशेष उपकरण और तकनीकें होती हैं, जिनसे वे आसानी से असली और नकली चांदी की पहचान कर सकते हैं। जौहरी के पास एक स्पेक्ट्रोमीटर या एक्स-रे फ्लोरेसेंस (XRF) जैसे उपकरण होते हैं, जो चांदी की शुद्धता और उसकी धात्विक संरचना की जांच करते हैं।
वर्चुअल या ऑनलाइन प्रमाण
आजकल कई ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म हैं जो चांदी की प्रमाणिकता की जांच करने का दावा करते हैं। अगर आपने चांदी की पायल ऑनलाइन खरीदी है, तो उस वेबसाइट या प्लेटफ़ॉर्म के प्रमाणीकरण सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इस पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहिए और अन्य तरीकों से भी पायल की जांच जरूर करें।
पुरानी चांदी की पहचान
अगर आपके पास कोई पुरानी चांदी की पायल है और आप उसकी पहचान करना चाहते हैं, तो आपको उसके परंपरागत और ऐतिहासिक चिन्हों की जांच करनी चाहिए। पुराने चांदी के गहनों पर अक्सर निर्माताओं के विशेष चिन्ह होते हैं, जो उनके समय और स्थान को दर्शाते हैं। इन चिन्हों की जांच करने के लिए आपको कुछ शोध (Research) करने की आवश्यकता हो सकती है, या आप किसी जौहरी की मदद ले सकते हैं।
एक्सपर्ट्स की सलाह
यदि आपको चांदी की पायल की पहचान में कोई कठिनाई हो रही है, तो आप चांदी के विशेषज्ञों से सलाह ले सकते हैं। विशेषज्ञ आपके गहनों की पूरी जांच करेंगे और आपको इसकी असली या नकली होने के बारे में सुनिश्चित करेंगे।
FAQs
चांदी की पायल से जुड़ी अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs) और उनके उत्तर नीचे दिए गए हैं।
Q- चांदी की पायल कैसे पहचानें कि वह असली है या नकली?
असली चांदी की पायल की पहचान करने के लिए हॉलमार्क स्टैम्प की जांच करें, चुंबक परीक्षण करें, ध्वनि परीक्षण करें, नाइट्रिक एसिड परीक्षण करें, और पायल के वजन, रंग, और बनावट की जांच करें। किसी पेशेवर जौहरी से भी इसकी जांच कराएं जिससे वह इसके असली व नकली होने का प्रमाण दे सके।
Q- चांदी की पायल पर हॉलमार्क क्या होता है?
हॉलमार्क एक प्रमाणिकता की निशानी होती है, जो चांदी की पायल पर उसकी शुद्धता और गुणवत्ता को प्रमाणित करती है। भारत में, BIS हॉलमार्क (जैसे “925”) चांदी की शुद्धता को दर्शाता है इसका मतलब होता है उस वस्तु में 92.5% शुद्ध चांदी है।
Q- चांदी की पायल का रखरखाव कैसे करें?
चांदी की पायल को साफ और सुरक्षित रखने के लिए उसे समय-समय पर हल्के साबुन और पानी से धोएं। पायल को उपयोग के बाद किसी मुलायम कपड़े में लपेटकर रखें। इसे धूप और नमी से बचाएं, ताकि चांदी पर काले धब्बे बनने का खतरा दूर हो सके।
Q- क्या चांदी की पायल पहनने से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?
हां, भारतीय परंपरा के अनुसार, चांदी की पायल पहनने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। माना जाता है कि चांदी की पायल शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने, रक्त संचार को बढ़ाने, और पैरों में सूजन को कम करने में मदद करती है।
Q- चांदी की पायल को साफ कैसे करें जब यह काली पड़ जाए?
चांदी की पायल को साफ करने के लिए उसे बेकिंग सोडा और पानी के पेस्ट से हल्के हाथों से रगड़ें, या सिरके में भिगोकर रखें। आप बाजार में उपलब्ध चांदी की पॉलिश या साफ करने वाले तरल तत्व का भी उपयोग कर सकते हैं।
Q- चांदी की पायल का वजन कितना होना चाहिए?
चांदी की पायल का वजन उसकी डिज़ाइन, चौड़ाई, और लंबाई के आधार पर भिन्न भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, एक साधारण पायल का वजन 10 से 25 ग्राम के बीच हो सकता है।
Q- क्या चांदी की पायल हर दिन पहन सकते हैं?
हां, चांदी की पायल हर दिन पहनी जा सकती है। हालांकि, इसे धूप, पानी, और रसायनों से बचाने की सलाह दी जाती है, ताकि इसकी चमक और गुणवत्ता बरकरार रहे।
Q- चांदी की पायल पर दाग क्यों आते हैं?
चांदी सल्फर के संपर्क में आने से उनके बीच रासायनिक प्रतिक्रिया होती है, जिससे वह काली या दागदार हो सकती है। इसे ऑक्सीडेशन कहा जाता है, जो सामान्य है और साफ करने पर हट सकता है।
Q- क्या चांदी की पायल की चमक वापस आ सकती है?
हां, सही तरीके से साफ करने पर चांदी की पायल की चमक वापस आ सकती है। आप इसे किसी जौहरी से पॉलिश भी करवा सकते हैं।
Q- चांदी की पायल से जुड़ी धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व क्या है?
भारतीय संस्कृति में चांदी की पायल को समृद्धि, शीतलता, और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं इसे पहनकर अपने परिवार की खुशहाली और धन-धान्य की कामना करती हैं। शादी और अन्य विशेष अवसरों पर चांदी की पायल का पहनना शुभ माना जाता है।
Q- चांदी की पायल पहनने से क्या नुकसान हो सकते हैं?
चांदी से एलर्जी बहुत ही दुर्लभ होती है, लेकिन कुछ लोगों को इससे त्वचा में जलन या रैश हो सकते हैं। अगर ऐसा हो, तो पायल पहनना बंद कर दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
Q- चांदी की पायल की शुद्धता कैसे जांची जाती है?
चांदी की शुद्धता हॉलमार्क स्टैम्प से जांची जा सकती है। इसके अलावा, पेशेवर जौहरी स्पेक्ट्रोमीटर या एक्स-रे फ्लोरेसेंस (XRF) जैसी तकनीकों से चांदी की शुद्धता की पुष्टि कर सकते हैं।
Q- चांदी की पायल पर कितनी वारंटी मिलती है?
चांदी के गहनों पर आमतौर पर वारंटी नहीं दी जाती है, लेकिन कुछ जौहरी या ब्रांड्स अपने ग्राहकों को पॉलिशिंग और मरम्मत की सेवाएं प्रदान करते हैं। खरीदते समय वारंटी की शर्तों को जरूर समझ लें।
Q- चांदी की पायल के मूल्य का निर्धारण कैसे होता है?
चांदी की पायल का मूल्य उसकी शुद्धता (जैसे 925 हॉलमार्क), वजन, डिज़ाइन, और वर्तमान चांदी के बाजार मूल्य के आधार पर निर्धारित होता है। इसमें मेकिंग चार्जेस भी जुड़ सकते हैं।
Q- क्या चांदी की पायल को फिर से आकार दिया जा सकता है?
हां, असली चांदी की पायल को किसी जौहरी द्वारा अलग अलग आकार में बदला जा सकता है। लेकिन यह काम केवल विशेषज्ञों द्वारा ही किया जाना चाहिए ताकि पायल को नुकसान न पहुंचे।
इन सवालों और जवाबों के माध्यम से आप चांदी की पायल के बारे में अधिक जान सकते हैं और उसके सही चुनाव और देखभाल के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
चांदी की पायल से जुड़ी बेहद प्रसिद्ध मिथ्या Myths
चांदी की पायल से जुड़ी कई मिथक (Myths) और धारणाएँ (मान्यताओं) भारतीय संस्कृति और परंपराओं में प्रचलित हैं। इनमें से कुछ मिथ सदियों से चले आ रहे हैं, जो समाज में अपनी जगह बना चुके हैं। यहाँ कुछ प्रमुख मिथ (कल्पित कथा) और उनके पीछे के तथ्यों का विवरण दिया गया है।
Myths: चांदी की पायल पहनने से शरीर में ठंडक बनी रहती है।
वास्तविकता: यह एक आम धारणा है कि चांदी की पायल पहनने से शरीर में ठंडक आती है। वास्तव में, चांदी एक अच्छी थर्मल कंडक्टर है, लेकिन यह शरीर के तापमान को प्रभावित करने में सक्षम नहीं है। चांदी को शीतलता का प्रतीक माना जाता है, लेकिन यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है कि चांदी की पायल पहनने से शरीर में ठंडक आती है।
Myths: चांदी की पायल पहनने से धन की वृद्धि होती है।
वास्तविकता: भारतीय परंपराओं में चांदी को समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है, और इसे पहनने से धन की वृद्धि होने का विश्वास है। हालांकि, यह केवल एक सांस्कृतिक मान्यता है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। धन की वृद्धि या हानि का संबंध आपकी मेहनत और परिस्थिति पर निर्भर करता है, न कि चांदी की पायल पहनने पर।
Myths: चांदी की पायल बुरी नज़र से बचाती है।
वास्तविकता: यह विश्वास किया जाता है कि चांदी की पायल पहनने से बुरी नज़र से बचाव होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है। हालांकि, यह एक पारंपरिक विश्वास है और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। बुरी नज़र से बचाव के लिए चांदी को ताबीज़ या गहनों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन यह केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक आस्था है।
Myths: केवल विवाहित महिलाएं ही चांदी की पायल पहन सकती हैं।
वास्तविकता: यह एक पुरानी परंपरा है कि केवल विवाहित महिलाएं चांदी की पायल पहनती हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। हालांकि, आधुनिक समय में, यह मिथ टूट चुका है, और चांदी की पायल को हर उम्र की महिलाएं पहन सकती हैं। यह अधिकतर जगहों पर एक फैशन और व्यक्तिगत पसंद का मामला बन गया है।
Myths: चांदी की पायल का एक विशेष डिजाइन स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है।
वास्तविकता: कुछ लोग मानते हैं कि चांदी की पायल का एक विशेष डिजाइन या आकार स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। उदाहरण के लिए, कुछ विशेष आकार की पायलें रक्त संचार को बढ़ाने या पैरों के दर्द को कम करने में मदद करती हैं। हालांकि, इसके पीछे कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसमें अधिकता से मनोवैज्ञानिक प्रभाव हो सकता है।
Myths: चांदी की पायल पहनने से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षा मिलती है।
वास्तविकता: यह एक प्रचलित धारणा है कि गर्भवती महिलाओं को चांदी की पायल पहनने से सुरक्षा मिलती है और इससे बच्चे के जन्म के समय शुभ फल मिलते हैं। हालांकि, यह केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास है, और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
Myths: चांदी की पायल पहने बिना पूजा या धार्मिक कार्य करना अनुचित है।
वास्तविकता: कई लोग मानते हैं कि पूजा या धार्मिक कार्य करते समय चांदी की पायल पहनना आवश्यक होता है। हालांकि, यह व्यक्तिगत आस्था और परंपरा पर निर्भर करता है। चांदी की पायल पहनने या न पहनने से पूजा के फल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, यह केवल धार्मिक आस्था और अनुशासन का हिस्सा है।
Myths: चांदी की पायल पहनने से विवाह में बाधा आती है।
वास्तविकता: कुछ लोग मानते हैं कि अविवाहित लड़कियों द्वारा चांदी की पायल पहनने से उनके विवाह में बाधा आ सकती है। यह धारणा पूर्णत: मिथ Myths है और इसका कोई तर्कसंगत आधार नहीं है। चांदी की पायल पहनने का विवाह से कोई संबंध नहीं है।
Myths: चांदी की पायल का टूटना अशुभ होता है।
वास्तविकता: कई लोग मानते हैं कि अगर चांदी की पायल टूट जाए, तो यह अशुभ होता है और इसे तुरंत बदल देना चाहिए। हालांकि, यह एक सांस्कृतिक मान्यता है और इसका कोई वास्तविक आधार नहीं है। चांदी की पायल का टूटना एक सामान्य बात है, और इसे एक साधारण दुर्घटना के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि अशुभ व अपशगुन घटना के रूप में।
Myths: चांदी की पायल पहनने से संतान सुख मिलता है।
वास्तविकता: कुछ परंपराओं में माना जाता है कि चांदी की पायल पहनने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। हालांकि, यह विश्वास धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था पर आधारित है और इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। संतान सुख का संबंध आपकी सेहत और जीवनशैली से होता है, न कि चांदी की पायल पहनने से।
इन मिथकों का समाज में गहरा प्रभाव है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाएं और वैज्ञानिक प्रमाणों को प्राथमिकता दें। चांदी की पायल का पहनना एक व्यक्तिगत और सांस्कृतिक पसंद है, और इससे जुड़े मिथकों को केवल आस्था और परंपराओं के दृष्टिकोण से ही देखें इन Myths के कारण किसी भी तरह के सार्वजनिक नुकसान से रोकने के लिए हम और आप ही उत्तरदायित्व हैं।
निष्कर्ष
चांदी की पायल की पहचान करने के कई तरीके हैं, और इनमें से कुछ तरीके आपको घर पर ही चांदी की असली या नकली होने की जांच करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, सबसे विश्वसनीय तरीका है हॉलमार्क की जांच करना और किसी पेशेवर जौहरी की मदद लेना। अगर आप चांदी की पायल खरीदते समय उपरोक्त बिंदुओं का ध्यान रखेंगे, तो आप नकली चांदी खरीदने की संभावना को कम कर सकते हैं।
आखिरकार, चांदी की पायल का सही मूल्यांकन और देखभाल करना उसके लंबे समय तक टिकाऊपन और सौंदर्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यदि आपको पायल की शुद्धता के बारे में कोई संदेह है, तो विशेषज्ञ या जानकर जौहरी से परामर्श लेना हमेशा बेहतर होता है।
उम्मीद है कि इस लेख से आप चांदी के पायल की शुद्धता और चांदी की पायल से जुड़े बहुत सारे क्वेश्चंस तथा Myths के बारे में पता चला होगा इसी तरह के लेख के लिए हमें फॉलो और शेयर जरूर करें धन्यवाद।
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