Chaitra Navratri 2025: भारत में नवरात्रि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। वर्ष में दो बार नवरात्रि मनाई जाती है—चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि हिंदू नववर्ष के साथ प्रारंभ होती है और देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना का विशेष अवसर प्रदान करती है। चैत्र नवरात्रि 2025 भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पावन समय होगा।

जैसा की आप सही जानते हैं की हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। अपको बता दे की इस साल रविवार को नवरात्रि प्रारंभ होने के कारण मां दुर्गा हाथी पर विराजमान होकर आएंगी, जो समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
जय माता दी!
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि की तिथियां
चैत्र नवरात्रि 2025 की शुरुआत इस साल 30 मार्च 2025 दिन रविवार से होगी और 8 अप्रैल 2025 मंगलवार) को रामनवमी के साथ संपन्न होगी। इन नौ दिनों में भक्तजन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं।
इस साल रविवार को नवरात्रि प्रारंभ होने के कारण मां दुर्गा हाथी पर विराजमान होकर आएंगी। ऐसा माना जाता है कि यह रूप भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी करता है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं और इस वक्त घटस्थापना बहुत शुभ फल देने वाली मानी जा रही है। मां दुर्गा की कृपा से आपके सभी कार्य बिना किसी रुकावट के पूर्ण होंगे। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ माना जाता है। नवरात्रि पर इस बार कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं, साथ ही देखते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
अपको बता दे की चैत्र नवरात्रि केवल देवी पूजन का पर्व ही नहीं, बल्कि यह हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत मानी जाती है। इस दौरान शक्ति की उपासना के साथ-साथ भगवान राम के जन्मोत्सव (रामनवमी) का भी विशेष महत्व होता है। यह पर्व सकारात्मक ऊर्जा, आत्मशुद्धि और भक्ति का प्रतीक है।
चैत्र नवरात्रि 2025 की पूजा विधि
- कलश स्थापना: नवरात्रि के पहले दिन ही घटस्थापना (कलश स्थापना) की जाती है।
- दुर्गा पूजन: प्रतिदिन देवी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
- व्रत और उपवास: सभी भक्तजन नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और सात्विक आहार (साधारण भोजन) ग्रहण करते हैं।
- आरती और मंत्र जाप: सुबह-शाम देवी दुर्गा की आरती और मंत्र जाप किया जाता है जिससे देवी मां अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
- कन्या पूजन: अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर उन्हें भोजन कराकर आशीर्वाद लिया जाता है।


चैत्र नवरात्रि में विशेष अनुष्ठान
- रामनवमी उत्सव: नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
- जागरण और भजन संध्या: अपको बता दे की बहुत से मंदिरों में देवी जागरण और भजन संध्याएं आयोजित की जाती हैं।
- योग और ध्यान: आत्मशुद्धि और मानसिक शांति के लिए विशेष योग और ध्यान सत्र किए जाते हैं।
नवरात्रि के दौरान क्या करें और क्या न करें
✅ सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार से बचें।
✅ प्रतिदिन माता की आराधना और मंत्र जाप करें।
✅ नकारात्मक विचारों और बुरी आदतों से दूर रहें।
🚫 लहसुन और प्याज का सेवन न करें।
🚫 दूसरों का अपमान करने से बचें खास कर लड़कियों का भी।
🚫किसी के ऊपर बुरी नजर ना डाले, वरना माता हो सकती हैं नाराज।
चैत्र नवरात्रि 2025 का उत्साह
चैत्र नवरात्रि 2025 पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस दौरान मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ेगी और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा। इस साल नववर्ष के साथ-साथ रामनवमी का उल्लास भी देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मशुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का पर्व है। इस पावन अवसर पर देवी दुर्गा की उपासना करें और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएं।
जय माता दी!
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओ और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं। यहां दी गई जानकारी की सटीकता, संपूर्णता के लिए न्यूजरीं (NewsGery) उत्तरदायी नहीं हैं।