Chhath Puja 2024: जैसा की आप सभी जानते हैं की छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है और छठी मैया को संतान की देवी माना जाता हैं। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। इस पर्व के माध्यम से सभी लोंग के द्वारा सूर्य, जल और वायु इन तीनों तत्वों की पूजा की जाती है।
Chhath Puja 2024 छठ पूजा क्यों मनाई जाती हैं
Chhath Puja 2024: धर्मशास्त्रों के अनुसार आपको बता दे की चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को हम छठ पूजा, छठी माई पूजा, डाल छठ, सूर्य षष्टि पूजा और छठ पर्व के नामों से भी जानते हैं। आपको बता दे की यह छठ पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव की उपासना के लिए मनाया जाता हैं। ताकि सभी परिवार जनों को उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके।
Chhath Puja 2024 सूर्य अर्घ्य
Chhath Puja 2024: इस साल 2024 में दो दिन दिवाली मनाए जाने के बीच अब लोगों में छठ पूजा की तारीख को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। क्योंकि देश के कुछ राज्यों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई गई और कुछ राज्यों में 1 नवंबर को दिवाली मनाई गई हैं। छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित एक महत्वपूर्ण महापर्व है। यह खासतौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। इस पर्व में महिलाएं व्रत रखती हैं और सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। दो दिन दिवाली मनाए जाने के आधार पर छठ पूजा की सही तारीख यहां पर जान सकते हैं।
आपको बता दे की द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा का पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 2024 में षष्ठी तिथि 7 नवंबर दिन गुरुवार को सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी और 8 नवंबर दिन शुक्रवार को सुबह (पूर्वाहन) 12 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी।
ऐसे मे उदया तिथि के अनुसार, छठ पूजा का पर्व 7 नवंबर दिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा। छठ पूजा संपन्न करने के लिए इस तरह से शाम के समय का अर्घ्य 7 नवंबर को और सुबह का अर्घ्य 8 नवंबर को दिया जाएगा। इसके बाद ही इस व्रत का पारण किया जाएगा।
Chhath Puja 2024: छठ पूजा की महत्वपूर्ण तिथियां
आपको बता दे की छठ पूजा पूरे चार दिनों तक चलती हैं जिसे आप नीचे गए ग्राफ के द्वारा देख सकते हैं।
पहला दिन | नहाय खाय | 5 नवंबर 2024 |
दूसरा दिन | खरना | 6 नवंबर 2024 |
तीसरा दिन | संध्या अर्घ्य | 7 नवंबर 2024 |
चौथा दिन | उषा अर्घ्य या सुबह का अर्घ्य | 8 नवंबर 2024 |
छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय
छठ पूजा के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जानते हैं। इस दिन सभी लोंग अपने घर को अच्छे से साफ करके स्नान कर साफ वस्त्र पहनकर इस पूजा के लिए तैयार होतें हैं। इस व्रत को करने से पहले शाकाहारी भोजन करते हैं। कई जगहों पर इस दिन को कद्दू भात भी कहा जाता हैं। आपको बता दे की इस दिन व्रत के दौरान चावल, चने के दाल और कद्दू (लौकी) को प्रशाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना
छठ पूजा के दूसरे दिन को लोहंडा या खरना के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन दिन भर उपासना करने के बाद केवल शाम को भोजन करते हैं। जिसे खरना भी कहा जाता हैं। खरना का प्रशाद को तैयार करने के लिए चावल को गन्ने के रस में बना कर या फिर चावल को दूध में बना कर या चावल का पीठ्ठा और चुपड़ी रोटी को बनाई जाती हैं।
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-संध्या अर्घ्य
छठ के पूजा के तीसरे दिन को पहला अर्घ्य या संध्या अर्घ्य के नाम भी जानते हैं। आपको बता दे की इस दिन सभी के घर में बहुत ज्यादा चहल पहल का माहौल बना रहता हैं। इस दिन डलिया और सूप में नानाप्रकार के फल, पूवा, ठेकुआ और लड्डू आदि फल को अपने साथ लेकर बहते हुए पानी(नदी, तालाब, नहर इत्यादि) मे जाकर पानी में खड़े होकर सूर्य भगवान की पूजा की जाती हैं और उनको संध्या का अर्घ्य दिया जाता हैं। फिर शाम को घर वापस आआ जाते हैं। इसी दिन रात में छठ माता का गीत भी गाए जाते हैं।
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उषा अर्घ्य
छठ पूजा के आखिरी दिन को उषा अर्घ्य या सुबह का अर्घ्य भी कहा जाता हैं। इस दिन सुबह – सुबह ही उसी बहते हुए पानी(नदी, तालाब, नहर इत्यादि) में जाकर उगते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए भगवान सूर्य से प्रार्थना की जाती हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं और अपने घर वापस आते हैं। आपको बता दे की यह व्रत 36 घंटे से भी अधिक का समय के बाद समाप्त होता हैं।
Chhath Puja 2024: 36 घंटे का होता है निर्जला व्रत
आपको बता दे की हिन्दू धर्म में छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देवता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। दिवाली के छह दिन बाद छठ पर्व मनाया जाता है। छठ पूजा चार दिनों तक चलता है, जिसमें शुरुआत होती है नहाय-खाय और खरना से। फिर डूबते और उगते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। इसमें व्रती महिलाएं नदी में कमर तक जल में डूबकर सूर्यदेवता को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करती हैं। इसमें 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखा जाता है, जो बेहद ही कठिन माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, छठी मइया की पूजा करने से व्रती को आरोग्यता, सुख-समृद्धि, संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
Chhath Puja 2024: कब शुरू होता है निर्जला व्रत
जैसा की अब आपको पता चल ही गया होगा की छठ पूजा के लिए नहाय खाय की प्रक्रिया कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होगी यानी 5 नवंबर को है, जबकि खरना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी 6 नवंबर को खरना पड़ रहा है। दिन भर निर्जला व्रत करने के बाद शाम में व्रती महिलाएं छठी मैया की पूजा करती हैं। प्रसाद ग्रहण करती हैं। इसी के बाद से लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।
Chhath Puja 2024: छठ पूजा का महत्व
आपको बता दे की छठ पूजा एक ऐसा महापर्व है जो अपने आप में विश्वास, श्रद्धा और प्रकृति के प्रति आभार का प्रतीक है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। यह छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। सूर्य देव को जीवनदाता माना जाता है और छठी मैया को संतान की देवी। इस पर्व के माध्यम से लोग प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। सूर्य, जल और वायु इन तीनों तत्वों की पूजा की जाती है। छठ पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा के दौरान सभी लोग मिलकर पूजा करते हैं, जिससे सामाजिक एकता बढ़ती रहें।