श्री कृष्ण जन्माष्टमी,यह भगवान श्री कृष्ण के जन्म का उत्सव है, जो भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन पूरी दुनिया में उनका जन्मदिन मनाया जाता है।
भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन मथुरा के कारागार में वासुदेव और देवकी के घर जन्मे श्री कृष्ण, कंस के अत्याचार से दुनिया को मुक्त करने आए थे।
श्री कृष्ण के मामा कंस की अत्याचारी प्रवृत्ति और श्री कृष्ण द्वारा उसका वध करने की कथा। यह बताएं कि कैसे कंस के अंत से धर्म की पुनः स्थापना हुई।
बालकृष्ण के माखन चुराने की प्रसिद्ध कथा। इस प्यारी लीला को दर्शाते हुए श्री कृष्ण के बाल्यकाल की निश्छलता और भोलेपन का प्रतीक हैं।
गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा, जब श्री कृष्ण ने इंद्र देवता के प्रकोप से गोकुलवासियों को बचाने के लिए अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाया।
महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिए गए श्री कृष्ण के गीता उपदेश का महत्व। धर्म, कर्म और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा।
वृंदावन में गोपियों के साथ श्री कृष्ण की रासलीला का वर्णन, जो प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। रासलीला के माध्यम से भक्तों के प्रति भगवान के प्रेम का चित्रण।
जन्माष्टमी के उत्सव की प्रमुख परंपराएं, जैसे कि मटकी फोड़ (दही हांडी), भजन-कीर्तन, और आधी रात में श्री कृष्ण की मूर्ति का अभिषेक एवं पूजा।