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Gold ख़रीदने वाले, ये 5 तरीक़े जान लो माला-माल हो जाओगे?

By Sneha Kushwaha

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GOLD INVESTMENT TIPS HINDI:  प्राचीन भारत से ही सोना लोगों का आधार और इनवेस्टमेंट का सबसे अच्छा साधन रहा है आज के युग में बढ़ते सोने के कीमत को देखकर हर कोई सोने में निवेश करना चाहता है क्या आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं और आपको पता नहीं की गोल्ड इन्वेस्टमेंट क्या होता है, कितने तरीके होते हैं तो आज के इस आर्टिकल से हम आपको पांच ऐसे तरीके बताएंगे जहां पर आप गोल्ड में निवेश करना जान जाएंगे।

Gold ख़रीदने वाले, ये 5 तरीक़े जान लो माला-माल हो जाओगे?

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Gold Market:

आज की बात किया जाए तो पूरे दुनिया में सोने की मार्केट 15 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा चल रहा है जो आगे आने वाले समय में और भी ज्यादा बढ़ाना है, जो सोना 2008 में तकरीबन ₹8000 प्रति 10 ग्राम था, वही सोना अब बढ़ करके ₹50000 से भी ज्यादा प्रति 10 ग्राम हो चुका है।

Investment & Returns:

आज के और पहले के मार्केट को मिलाकर हम बात करें तो सोने की जो कीमत है 6 गुना से भी ज्यादा बढ़ चुकी है सोचिए अगर आप 2008 में इन्वेस्ट किए होते सोने में तो आपको लगभग हर साल 14-15 परसेंट का रिटर्न मिलता है, कहने का तात्पर्य यह है कि 2008 में 100 ग्राम गोल्ड में इन्वेस्ट किया होता है तो आज उसके ₹80000 की कीमत के हिसाब से आपको ₹500000 तक का रिटर्न मिल जाता।

Gold Investment: सोने में निवेश क्या है?

हमारे आसपास में बहुत सारे लोगों को यह पता नहीं है की गोल्ड इन्वेस्टमेंट क्या होता है ज्यादातर भारतीय यही जानते हैं कि सोने को मुख्य तौर से आभूषण और ज्वेलरी के लिए खरीदा जाता है, सोना औरतों का श्रृंगार है, अगर आपके भी मन में ऐसे ख्याल आ रहे हैं तो आप गलत हैं गुरु, सोना एक बहुत ही अच्छा साधन है इनवेस्टमेंट का इसलिए मैं आपको बताता हूं।

जिस तरह से Share Market में लोग Paisa Invest करते हैं High Returns के लिए ठीक उसी प्रकार आप सोने में भी निवेश कर सकते हैं हालांकि गोल्ड में अलग-अलग तरीके से पैसे निवेश किया जाता हैं, चलिए सबको एक-एक करके जानते हैं।

Types Of Gold Investment:

गोल्ड में इन्वेस्ट करने के कई तरीके होते हैं लेकिन मुख्ता हम पांच ऐसे टाइप्स के बारे में बात करेंगे जो मार्केट में उपलब्ध है और ज्यादातर लोग इसी तरीके के इन्वेस्टमेंट करते हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखिएगा हम गोल्ड ज्वेलरी पर इन्वेस्टमेंट की बात नहीं करेंगे क्योंकि यह एक खराब इन्वेस्टमेंट होता है और इसमें आपको GST, मेकिंग चार्ज और उसको सेफ रखने की जगह, बहुत सारी दिक्कतें होती है इसके अलावा इसकी शुद्धता पर भी संदेह रहता है।

  1. Gold Mutual Funds
  2. Digital Gold
  3. Physical Gold
  4. Gold ETF
  5. Sovereign Gold Bond

1. Gold Mutual Funds गोल्ड म्युचुअल फंड:

गोल्ड Mutual Funds को एक तरह से इसे Fund of Funds भी कहा जाता है, यह Gold [ETF] यानी एक्सचेंज ट्रेडर्स फंड में निवेश करने वाली म्युचुअल फंड योजनाओं को गोल्ड म्युचुअल फंड के रूप में जाना जाता है, या सीधे तौर पर यह कह लीजिए भौतिक निवेश न करके Gold ETF के माध्यम से निवेश करना गोल्ड म्युचुअल फंड कहलाता है।

गोल्ड म्युचुअल फंड का ‘नेट ऐसेट वैल्यू’ (NAV) एटीएम के प्रदर्शन से जुड़ा रहता है, गोल्ड म्युचुअल फंड में आप SIP के माध्यम से ₹500 से भी निवेश शुरू कर सकते हैं और एक महत्वपूर्ण बात इसके लिए आपको कोई भी डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती है आप किसी भी म्युचुअल फंड एप के माध्यम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।

गोल्ड म्युचुअल फंड के लाभ:

  1. इसमें निवेश करने के लिए आपको डीमेट खाते की जरूरत नहीं पड़ती है।
  2. इसमें निवेदक एसआईपी निवेश योजना के जरिए निवेश कर सकता है जो ईटीएफ में संभव नहीं है।
  3. इसमें कम राशि से भी निवेश शुरू किया जा सकता है।
  4. भौतिक सोने या ईटीएफ के विपरीत में छोटी मात्रा में निवेश किया जा सकता है।
  5. इलेक्ट्रॉनिक रूप से सोना रखना सुरक्षित होता है।

गोल्ड म्युचुअल फंड के हानि:

  1. इसमें व्यय करने की अनुपात ETF के मामले में थोड़ा अधिक हो  ता है।
  2.  इसमें दो बार शुल्क देना पड़ता है, ऐसा इसलिए गोल्ड म्युचुअल फंड योजनाएं गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती हैं।

2. Digital Gold डिजिटल गोल्ड:

डिजिटल सोना एक निवेशक के लिए एक तरह से एक ऐसी पूंजी है जो वर्चुअल गोल्ड की तरह काम करती है यानि कहने का मतलब यह है इसमें इसमें आपको लाकर और तिजोरी की जरूरत नहीं पड़ती है यह डिजिटल आपके पास रहता है जैसे कि आपके बैंक बैलेंस डिजिटल फॉर्म में आपका फोन में रहते हैं सेम उसी प्रकार से डिजिटल गोल्ड भी, निवेश को द्वारा खरीदा गया गोल्ड 24 कैरेट गोल्ड के समान होता है और उसका मार्केट में मूल्य भी 24 कैरेट गोल्ड के बराबर मिलता है।

डिजिटल गोल्ड के लाभ:

  1. इसमें आप छोटी धनराशि से भी निवेश कर सकते हैं।
  2. निवेदक जब चाहे निवेश कर सकता है या उसे बेचकर के अपना धनराशि वापस पा सकता है।
  3. डिस्टली सोना उतना ही सुरक्षित है जितना आपके बैंक में रखा हुआ पैसा।
  4. गाना या अन्य आभूषण के निर्माण लागत के मुकाबले डिजिटल सोने के निर्माण में शुन्य लागत है।

डिजिटल गोल्ड के हानि:

  1. कई सारे प्लेटफार्म पर डिजिटल सोने की निवेश में सिर्फ दो लाख तक का मैक्सिमम निवेश है।
  2. किसी भी संस्था द्वारा रेगुलेट नहीं है।

3. Physical Gold फिजिकल गोल्ड:

कहीं नहीं वैसे कैसे होते हैं जिनको भौतिक रूप से सोना में इन्वेस्ट करना अच्छा लगता है इसमें सोने के सिक्के ज्वेलरी या सोने की बिस्कुट में निवेश करते हैं, निवेशकों के लिए यह मध्य विश्वसनीय माना जाता है सोने के सिक्के और सोने की बिस्कुट 24 कैरेट गोल्ड के शुद्धता के श्रेणी में आते हैं, तथा इनका मूल्य 24 कैरेट सोने के भाव से समान होता है।

इनकी उपलब्धता मानक वर्ग जैसे 1 ग्राम, 5 ग्राम, 10 ग्राम या इससे अधिक में उपलब्ध होते हैं निवेशको को इनके शुद्धता BIS स्टैंडर्ड तथा हॉलमार्क की भी सुनिश्चित करते हैं।

भौतिक सोने के लाभ:

  1. देखा जाए तो यह सबसे आसान निवेश है।
  2. इसमें किसी भी तरह के डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं होती है।
  3. इसमें किसी भी तरह के ब्रोकरेज तथा प्रबंधन शुल्क नहीं है।
  4. आपके बुरे वक्त में ऋण के रूप में इंस्टेंट काम आता है।

भौतिक सोने के हानि:

  1. सोने की शुद्धता समय-समय पर सुनिश्चित करना पड़ता है।
  2. इसका चोरी या खोने का खतरा हमेशा रहता है।
  3. इसके भंडारण के लिए उपयुक्त स्थान और उचित लागत की जरूरत होती है।

4. Gold ETF गोल्ड ईटीएफ:

गोल्ड ETF को एक्सचेंज ट्रेडर्स फंड के रूप में जाना जाता है इसका समान्ता घरेलू 24 कैरेट गोल्ड के समान होता है यह एक पैसिव नहीं है जो सोने के भंडारण में निवेश करती है, 1 Gold ETF यूनिट उच्च शुद्धता वाले सोने द्वारा पूर्णतः 1 ग्राम सोने के बराबर होता है, इसमें निवेशक को निवेश के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है यह एक आसान निवेश है और चोरी, भंडारण चिंता आदि से सुरक्षित है।

गोल्ड ईटीएफ के लाभ:

  1. गोल्ड ETF वास्तविक सोने द्वारा समर्थित है।
  2. इसमें कोई एग्जिट लोड नहीं है।
  3. यह उच्च तरलता को प्रदान करते हैं।
  4. गोल्ड ETF को इन्फ्लेशन से अधिक रिटर्न के लिए अच्छा माना जाता है।
  5. गोल्ड ईटीएफ पूंजीगत लाभकर LTCG TAX के अधीन है इसके वजह से टैक्स देने के बाद भी अच्छा रिटर्न मिलता है।
  6. इनका स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार किया जा सकता है तथा कीमत के मामले में पूरी पारदर्शिता होती है।
  7. भौतिक सोने खरीदने के मामले में गोल्ड ETF खरीदना निवेशकों के लिए आसान है।

गोल्ड ETF के हानि:

  1. इसमें आपको डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है जिसके लिए थोड़ी सी टेक्नोलॉजी भी जरूरी है।
  2. इसमें आपको डीमैट खाते के लिए मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ता है जो की वार्षिक होता है।
  3. गोल्ड ETF बेचते व खरीदते समय ब्रोकरेज चार्ज देना पड़ता है।
  4. सभी गोल्ड ETF समान तरलता प्रदान नहीं करते।

5. Sovereign Gold Bond सांवरेन गोल्ड बॉन्ड:

सावरेन गोल्ड बॉन्ड निवेशको के बीच एक सुरक्षित निवेश उपकरण के रूप में कार्य करता है, भौतिक सोने के मांग कम करने के लिए सरकार द्वारा द्वारा नवंबर 2015 स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के तहत सांवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की गई भारत सरकार के परामर्श से आरबीआई के द्वारा इन्हें जारी किया जाता है।

सांवरेन गोल्ड बाॅन्ड के लाभ:

  1. यह सोने में निवेश का सुरक्षित उपाय है।
  2. इसे बनाने व भंडारण की समस्या नहीं है।
  3. इनका स्टॉक एक्सचेंज पर कारोबार किया जा सकता है।
  4. यह सरकारी योजना है जो सोने के प्रति ग्राम बाजार मूल्य के बराबर बाॅन्ड के रूप में जारी किया जाता है।
  5. इसमें निवेश सीमा अधिकतम 4 किलोग्राम है।
  6. इस बाॅन्ड में 2.5% का सुनिश्चित ब्याज दर है जो अर्धवार्षिक रूप में दी जाती है।
  7. गोल्ड बॉन्ड का उच्च मूल्य 99% शुद्धता वाले सोने के पिछले तीन दिनों के औसत बाॅन्ड वाले भाव पर आधारित होता है, (यह भाव भारतीय बुलियन और ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा जारी किया जाता है।)
  8. बाॅन्ड धारक इन बाॅन्ड पर ऋण ले सकते हैं ऋण का राशि आरबीआई द्वारा सुझाई गई मूल्य निर्धारण प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है।
  9. सावरेन गोल्ड बॉन्ड से मिलने वाला ब्याज आयकर अधिनियम – 1961 के तहत कर-योग्य है लेकिन परिपक्वता (Maturity) के समय होने वाले पूंजीगत लाभ LGCG में निवेशक को पूर्णतः छूत है, जो इसे लंबी अवधि के हिसाब से आकर्षक विकल्प बनाता है। 
  10. इनकी परिपक्वता अवधि 8 वर्ष है, (पांचवें वर्ष के बाद बाहर निकलने का विकल्प है।)

सांवरेन गोल्ड बाॅन्ड के हानि:

  1. 8 वर्ष की मैच्योरिटी अवधि कुछ निवेशकों के लिए लंबी हो सकती है।
  2. 5 साल के लिए न्यूनतम लॉकिंग अवधि।
  3. इसमें निवेश करने के लिए न्यूनतम निवेश सीमा 1 ग्राम GOLD है।

सोने में निवेश से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें:

सोने की कीमत कई कारकों से निर्धारित होती है और इसका उत्तर चढ़ाव मार्केट में बना रहता है जैसे की -मांग व आपूर्ति, देश की आर्थिक स्थिति, वैश्विक बाजार में सोने की मांग आदि। भारत में सोना शुभ माना जाता है किस देश से कई अवसरों पर खरीदा जाता है जैसे की दिवाली, धनतेरस, अक्षय तृतीया तथा विवाह शादी।

लोगों के मन मे आम धारणा यह है सोने की कीमत शेयर बाजार के तुलना में अलग होती है इसलिए यह निवेश का एक अच्छा साधन है लेकिन पोर्टफोलियो में इसका एक बड़ा हिस्सा नहीं होना चाहिए।

अलग-अलग निवेश माध्यमों के भांती सोने में निवेश करने से पहले उद्देश्य अवधि जोखिम क्षमता और भविष्य की रणनीति का संपूर्ण आकलन आवश्यक है।

24 कैरेट और 22 कैरेट सोने में क्या अन्तर हैं?

Sneha Kushwaha

नमस्कार,मैं स्नेहा कुशवाहा अपना ब्लॉगिंग करियर की शुरुआत अप्रैल 2024 में की और आज NewsGery.com पर मेरा काम शिक्षा, लाइफस्टाइल और ट्रेंडिंग न्यूज से संबंधित जानकारी को आपके साथ साझा करना।

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